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प्रकृति और मानवता...

हम इंसानों ने पिछले कुछ शताब्दियों में मानवता के विकास के आधार पर बहुत बड़ी उपलब्धियां हासिल की है, हमने अपने जीवन को सरल व समृद्ध बनाने के लिए प्रत्येक क्षेत्र में अथक प्रयास किए हैं| हमने एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने के लिए घोड़ा गाड़ी से लेकर के हवाई जहाज तक का सफर किया है, मोटर गाड़ियों से लेकर के बुलेट ट्रेन तक का सफर तय पत्र व्यवहार से लेकर के आज हमने मोबाइल और इंटरनेट तक की दूरी तय की है| इन तमाम उपलब्धियों को हासिल करके  आज पूरा विश्व एक साथ जुड़ चुका है, हमने धरती से चांद और मंगल तक का सफर किया है और  यह आश्चर्य की बात नहीं होगी जब हम आने वाली शताब्दियों में ब्रह्मांड मैं और भी उपलब्धियां प्राप्त कर चुके होंगे| आज दुनिया के हर बड़े और छोटे देश मैं टेक्नोलॉजी और चिकित्सा के क्षेत्र में होड़ मची हुई है| इसके चलते दुनिया के तमाम देशों मैं स्वतंत्रता, राजनीतिक, व्यवसायिक और भौगोलिक सीमा क्षेत्र को लेकर विवाद होते आए हैं और यहां इंसानों के लिए स्वाभाविक है अपनी स्वतंत्रता और अपने हक के लिए लड़ना| पर शायद इस मानवता की दौड़ में इस इस विकास की चाहत बेहतर बनने की होड़ में हम कुछ