भारत 135 करोड़ की आबादी वाला यह देश हमेशा से ही विश्व भर में अपनी एकता, संस्कृति, सभ्यता, कला, संगीत भाषाओंं व धर्मों के लिए जाना जाता है। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं मेंं से एक मात्र ऐसा देश हैैै जिसने कभी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया क्योंकि हमारी संस्कृति पूरे विश्व को वसुधैव कुटुम्बकं( पूरा विश्व हमारा परिवार है) की सीख देता आया है। जब 5000 साल पलहे कई संस्कृतिया खानाबदोश
8वी शताब्दी मैं फ़ारसी आक्रमणकारियों ने इसे हिंदू में परिवर्तित कर दिया हिंदुस्तान नाम हिंदू और हिंदू को जोड़ता है इस प्रकार यह हिंदुओं की भूमि को संदर्भित करता है
1950 मैं भारत देश के नाम के रूप में भारत को चुना गया,
कहा जाता है कि भ्राता या भ्राता-वर (भरत-वर्ण) को दुष्यंत के पुत्र भरत या ऋषभ के पुत्र भरत के नाम से लिया गया है। कई पुराणों में कहा गया है कि यह ऋषभ के पुत्र भरत के नाम से लिया गया है। हालांकि, कुछ पुराणों में कहा गया है कि यह भरत से लिया गया है, जो ऋषभ के पूर्वज मनु का दूसरा नाम था। कुछ अन्य पुराणिक मार्ग भरत लोगों को संदर्भित करते हैं, जिन्हें महाभारत में दुष्यंत के पुत्र भरत के वंशज के रूप में वर्णित किया गया है।
इस प्रकार भारत को अनेक जम्बूद्वीप, अल-हिंद, हिंदुस्तान, तंजिकु, आर्यावर्त और भारत
के नामो से जाना जाता है।
भारत पर अनेकों बार आक्रमण तथा कई वर्षों तक गुलामी में रहने के पश्चात भी अपने अस्तित्व को नहीं भूला, जब-जब भारत पर बाहरी आक्रमणकारियों ने व अन्य देशों ने दासता करने की कोशिश की तो हमेशा हम अपने अस्त्वित्व के लिए लड़े हैँ और लड़ते रहेंगे।
वर्तमान भारत में 200 से भी अधिक भाषाएं और अनेक धर्म सम्लित है। खान-पान रहन-सहन और सांस्कृतिक व भौगलिक विविधता यहाँ पर सामान्य हैँ।
प्राचीन काल से ही भारत एक धार्मिक देश रहा है जिसने दुनया में अनेक धर्मो की नीव रखी है।
भारत मै अनेक महान ऋषि मुनि, स्वामी, महात्मा हुए है जिन्होंने ने पूरी दुनिया को धर्म का पाठ पढ़या है और "सब एक हैँ " और समस्त मानव कल्याण को बढ़ावा दिया। शिकागो में 1893 को दिया गया स्वामी विवेकानंद जी का संदेश "मुझे गर्व है कि मैं उस धर्म से हूं जिसने दुनिया को सहिष्णुता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया है. हम सिर्फ़ सार्वभौमिक सहिष्णुता पर ही विश्वास नहीं करते बल्कि, हम सभी धर्मों को सच के रूप में स्वीकार करते हैं मुझे गर्व है कि मैं उस देश से हूं जिसने सभी धर्मों और सभी देशों के सताए गए लोगों को अपने यहां शरण दी, बखूबी भारत को परिभाषित करता है।
प्राचीन काल से ही भारत मैं महान वैज्ञानिक, दार्शनिक, चिंतक, गणितज्ञ, चिकित्सक, कलाकार और राजनेता हुए हैं जिन्होंने पूरी दुनिया में भारत का डंका बजाया है।
भारत के बारे में 11 तथ्य जिनपर आप पर गर्व करेंगे।
- शतरंज का आविष्कार भारत में हुआ था।
- बीजगणित, त्रिकोणमिति और कैलकुलस अध्ययन हैं, जिनकी उत्पत्ति भारत में हुई।
- भारत में 'प्लेस वैल्यू सिस्टम' और 'डेसीमल सिस्टम' का विकास 100 ई.पू हुआ।
- सांप और सीढ़ी का खेल 13 वीं शताब्दी के कवि संत ज्ञानदेव द्वारा बनाया गया था।
- आयुर्वेद मानव जाति के लिए ज्ञात सबसे आरंभिक चिकित्सा पद्धति है। चरक, चिकित्सा के पिता ने 2500 साल पहले आयुर्वेद को समेकित किया था।
- नेविगेशन एंड नेवीगेटिंग की कला का जन्म 6000 साल पहले सिंध नदी में हुआ था। नेविगेशन शब्द संस्कृत के 'NAVGATIH' शब्द से लिया गया है। नौसेना शब्द भी संस्कृत के 'नू' शब्द से लिया गया है।
- भास्कराचार्य ने खगोलशास्त्री स्मार्ट से सैकड़ों साल पहले सूर्य द्वारा पृथ्वी की परिक्रमा करने के समय की सही गणना की थी। उनकी गणना के अनुसार, पृथ्वी द्वारा सूर्य की परिक्रमा करने का समय 365.258756484 दिन था।
- pi"पायी " के मूल्य की गणना सबसे पहले भारतीय गणितज्ञ बुधायण ने की थी, और उन्होंने पाइथागोरस प्रमेय के नाम से जाने जाने वाले सिद्धांत की व्याख्या की। उन्होंने यूरोपीय गणितज्ञों से बहुत पहले 6 वीं शताब्दी में इसकी खोज की थी।
- बीजगणित, त्रिकोणमिति और कलन भी भारत में ही उत्पन्न हुए हैं। 11 वीं शताब्दी में श्रीधराचार्य द्वारा अनौपचारिक समीकरणों का उपयोग किया गया था।
- सुश्रुत को शल्य चिकित्सा का जनक माना जाता है। 2226 साल पहले सुश्रुत और उनकी टीम ने मोतियाबिंद, कृत्रिम अंग, सिजेरियन, फ्रैक्चर, मूत्र पथरी, प्लास्टिक सर्जरी और मस्तिष्क सर्जरी जैसी जटिल सर्जरी की।
- भारत में पैदा हुए चार धर्मों - हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, और सिख धर्म, का पालन दुनिया की आबादी का 25% है।
- भारत मूल रूप से श्रीलंका, तिब्बत, भूटान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के 300,000 से अधिक शरणार्थियों को सुरक्षा प्रदान करता है, जो धार्मिक और राजनीतिक उत्पीड़न से बचने के लिए भाग गए थे।
आज भी भारत की भूमि पर अनेको महान स्त्रियां तथा पुरुष है वैज्ञानिक क्षेत्र में टेक्नोलॉजी में चिकित्सा तथा शिक्षा के क्षेत्र में पूरै विश्व का नेतृत्व कर रहे हैं। और भविष्य मैं भी सम्पूर्ण मानवता के कल्याण के लिए अग्रसर रहेंगे क्यों की...
वसुधैव कुटुम्बकं
जय हिन्द जय भारत.....
Comments
Post a Comment